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उत्तर पूर्व भारत में घूमने के लिए 6 बेहतरीन जगहें जो 2024 में आपको यादगार बना देंगी

क्या आप शहर के शोरगुल से दूर एक रेफ्रेशिंग और एडवेंचरस लोकेशन की तलाश में हैं? क्या आप भारत के उन हिस्सों में विजिट करना चाहते हैं, जिनकी आजतक सिर्फ़ बातें सुनी हैं तो चलिए आज हम अपने ब्लॉग के ज़रिए आपको भारत के नॉर्थईस्ट के प्रमुख स्थानों की सैर कराते हैं। साथ ही देते हैं कुछ रोचक जानकारी और वहां घुमने से जुड़ी कुछ ख़ास टिप्स भी। 

हमारा देश 29 राज्यों एवं 8 केंद्रशासित प्रदेशों से मिलकर बना है, इसी में से उत्तर-पूर्व का एक भाग है जिसे पूर्वोत्तर याने कि नॉर्थ ईस्ट स्टेट्स कहते हैं। हमारे देश में पूर्व-उत्तर में लोकेटेड राज्यों को सेवेन सिस्टर्स के नाम से भी जाना जाता है। जिनमें अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा इन 7 राज्यों के नाम शामिल हैं। ये सभी राज्य एक दूसरे से आपस में सटे हुए हैं। जिसकी वजह से इस तरफ घुमने आने वाले सैलानी अक्सर इन सभी राज्यों में घुमने का लुत्फ़ उठाने का प्रयास करते हैं और करें भी क्यों ना, ये जगह है ही इतनी ख़ास! तो चलिए अब विस्तार से इस बारे में जानते हैं

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हम आपको बता दें कि भारत के उत्तर पूर्वी हिस्से की यात्रा करने के लिए ट्रेन का विकल्प सबसे बढ़िया है। आप यहाँ घूमते समय रास्तों में ग्रामीण इलाकों के दिलचस्प नज़ारों, बदलते परिदृश्यों और स्थानीय परंपराओं का अनूठा संगम देख सकते हैं। एक और तरीका जिससे आप इसे और भी ज़्यादा शानदार और यादगार बना सकते हैं। वह है जूप! जी हाँ, आप भारत के किसी भी हिस्से में ट्रेन से यात्रा के दौरान सभी मुख्य स्टेशनों पर अपना पसंदीदा खाना मंगवाएं और सफ़र को पहले से कहीं ज्यदा रोचक बनाएं।

आइए उत्तर पूर्व भारत के उन मशहूर लोकेशंस के बारे में जानते हैं, जहाँ आप ट्रेन से जा सकते हैं और एक से एक शानदार नजारों को देखने, उन्हें महससू करने का मौक़ा पा सकते हैं। तो, अपना बैग पैक कर लें और नॉर्थ ईस्ट स्टेट्स की आजीवन याद रहने वाली यात्रा पर निकलने के लिए तैयार हो जाएं।

सिक्किम, गंगटोक 

Gangtok – The Shimmering Capital City of Sikkim

वैसे तो इंडिया में घूमने के लिए कई स्थान हैं, पर सिक्किम स्थित गंगटोक का कोई जवाब नहीं। यहाँ के हरे-भरे गगनचुम्बी पहाड़, उन पर बने लोगों के खुबसूरत मकान-घर, छोटे-छोटे सीढ़ीदार खेत, खुले दिल के लोग हर तरह झरते झरने, ऊंचे-ऊंचे पेड़, हर पल बदलते बादलों के रंग, बुद्धिस्ट टेंपल। कई बार तो बादल नीचे टकराते हैं जिसका नजारा देखने लायक होता है। आपको बता दें कि आप नाथुला दर्रा, एमजी रोड, त्सोमगो झील और मठों जैसे कई शानदार स्थानों का दौरा करके इस क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति और इतिहास का पता लगा सकते हैं।

यहाँ आने के लिए सबसे अच्छा विकल्प ट्रेन है। निकटतम रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में न्यू जलपाईगुड़ी है, जो गंगटोक से लगभग 148 किलोमीटर की दूरी पर दूर है। रेलवे स्टेशन कोलकाता और नई दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों से अच्छी तरह कनेक्टेड है। इस रूट पर चलने वाली कुछ ट्रेनें सिक्किम महानंदा एक्सप्रेस, नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस, उदयपुर सिटी-न्यू जलपाईगुड़ी वीकली एक्सप्रेस और ब्रह्मपुत्र मेल हैं। 

शिलांग, मेघालय

शिलांग को नॉर्थईष्ट का पार्ट का सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन माना जाता है, जिसे ‘बादलों का घर’ भी कहते हैं। यह हिल स्टेशन अपनी जैव-विविधता, घने जंगलों, प्राकृतिक झरनों, शांत झीलों और ऊंची चोटियों के लिए मशहूर है। यही वजह है कि आपको एक शानदार अनुभव के लिए इस तरफ ज़रूर आना चाहिए।

Shillong Tour Places

शिलांग पहुंचने के लिए आप गुवाहाटी रेलवे स्टेशन तक ट्रेन ले सकते हैं, जो शिलांग का नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। यह शिलांग से लगभग 135 किमी दूर है। गुवाहाटी रेलवे स्टेशन अपने व्यापक रेल नेटवर्क के ज़रिए भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह कनेक्टेड है। इस मार्ग पर चलने वाली कुछ ट्रेनें सिक्किम महानंदा एक्सप्रेस, नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस, उदयपुर सिटी-न्यू जलपाईगुड़ी विकली एक्सप्रेस और ब्रह्मपुत्र मेल हैं। गुवाहाटी से आपको शिलांग के लिए टैक्सी या कैब आसानी से मिल जाएगी।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, असम  

असम में स्थित काजीरंगा नेशनल पार्क को देखने के लिए देश के कोने-कोने से टूरिस्ट जाते हैंयह पार्क अपने एक सींग वाले गैंडे के लिए वर्ल्ड फेमस है पार्क में बाघ, हाथी, भैंस, हिरण और भालू जैसे कई अन्य जानवर भी रहते हैं। आप यहां जीप सफारी, हाथी की सवारी और पक्षियों को देखने का आनंद ले सकते हैं और जंगली जीवों के साथ नजदीक से रूबरू हो सकते हैं। यह नेशनल पार्क असम के गोलाघाट, नागांव एवं सोनितपुर जिलों में स्थित है इस नेशनल पार्क को 1985 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था

Kaziranga National Park

ट्रेन से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान तक पहुंचने के लिए, आपको पहले गुवाहाटी पहुंचना होगा, जो पार्क का निकटतम प्रमुख रेलवे स्टेशन है। इस रूट पर चलने वाली कुछ ट्रेनें डीबीआरटी राजधानी, महानंदा एक्सप्रेस, ब्रह्मपुत्र मेल, अवध असम एक्सप्रेस और नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस हैं। गुवाहाटी से, आप काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के लिए बस या टैक्सी ले सकते हैं, जो लगभग 200 किमी दूर है। यातायात और सड़क की स्थिति के आधार पर यात्रा में लगभग 4 से 5 घंटे लगेंगे।

उनाकोटी त्रिपुरा

उनाकोटी त्रिपुरा की सबसे खास बात ये है कि इस जगह पर लाखों हिंदू देवी और देवताओं की मूर्तियां मौजूद हैं। चारो तरफ फैले जंगल और कलकल बहती नदियों के बीच लोकेटेड उनाकोटि है इसे पूर्वोत्तर के सबसे बड़े मिस्ट्रीज़ में भी गिना जाता है सबसे अलग सबसे शानदार एक्सपीरियंस पाने के लिए आपको यहाँ ज़रूर आना चाहिए

Unakoti

ट्रेन से उनाकोटि, त्रिपुरा पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले त्रिपुरा की राजधानी अगरतला पहुंचना होगा, अगरतला से, आप या तो कुमारघाट या धरमनगर जा सकते हैं, जो उनाकोटि के निकटतम रेलवे स्टेशन हैं। रेलवे स्टेशन कोलकाता और नई दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। इस मार्ग पर चलने वाली कुछ ट्रेनें सिक्किम महानंदा एक्सप्रेस, नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस, उदयपुर सिटी-न्यू जलपाईगुड़ी वीकली एक्सप्रेस और ब्रह्मपुत्र मेल हैं। कुमारघाट या धरमनगर से, आपको उनाकोटि के लिए आसानी से टैक्सी या बस मिल सकती है, जिसमें लगभग एक घंटा लगता है।

कोहिमा नागालैंड 

कोहिमा नागालैंड की राजधानी है, जो बहुत खूबसूरत है। यह एक आदिवासी इलाका है। इन आदिवासियों की संस्कृति बहुत रंग-बिरंगी है, जो पर्यटकों को खूब आकर्षित करती है। ख़ास बात यह है कि इन्हें अपनी संस्कृति से बेहद लगाव है। टूरिस्ट यहाँ की संस्कृति के अलावा कई बेहतरीन और ऐतिहासिक पर्यटक स्थलों की सैर भी कर सकते हैं। इनमें संग्राहलय, एम्पोरियम, नागा हेरिटेज कॉम्पलैक्स, कोहिमा गांव, दजुकोउ घाटी, जप्फु चोटी, त्सेमिन्यु, खोनोमा गांव, दज्युलेकी और त्योफेमा टूरिस्ट गांव आदि शामिल है।

Kohima

ट्रेन से कोहिमा पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले दीमापुर पहुंचना होगा, जो कोहिमा का निकटतम रेलवे स्टेशन है। यह कोहिमा से लगभग 74 किमी दूर है। दीमापुर भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इस रूट पर चलने वाली कुछ ट्रेनें सिक्किम महानंदा एक्सप्रेस, नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस, उदयपुर सिटी-न्यू जलपाईगुड़ी साप्ताहिक एक्सप्रेस और ब्रह्मपुत्र मेल हैं। दीमापुर से, आप कोहिमा के लिए बस या टैक्सी ले सकते हैं, जिसमें लगभग दो से ढाई घंटा लगता है।

चेरापूंजी, मेघालय

अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो आपको चेरापूंजी, मेघालय की यात्रा ज़रूर करनी चाहिए। चेरापूंजी अपने झरनों, गुफाओं और जीवित जड़ पुलों के लिए जाना जाता है, जो प्राकृतिक चमत्कार हैं, जो आपको आश्चर्यचकित कर देंगे। चेरापूंजी में भारत के कुछ सबसे ऊंचे झरने हैं, जैसे नोहकलिकाई फॉल्स, किनरेम फॉल्स और सेवन सिस्टर्स फॉल्स। आप मौसमाई गुफा, क्रेम लियाट प्राह और क्रेम माव्लुह जैसी गुफाओं को भी देख सकते हैं, जो दुनिया की सबसे लंबी और गहरी गुफाओं में से हैं। चेरापूंजी का सबसे अनोखा आकर्षण जीवित जड़ पुल हैं, जो स्थानीय लोगों द्वारा रबर के पेड़ों की जड़ों का उपयोग करके बनाए जाते हैं। सबसे प्रसिद्ध डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज है, जिसमें दो लेवल के पुल हैं और एक समय में 50 लोग रह सकते हैं।  

Cherrapunji Town in Meghalaya

ट्रेन से चेरापूंजी पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले गुवाहाटी पहुंचना होगा, जो चेरापूंजी का निकटतम प्रमुख रेलवे स्टेशन है। यह चेरापूंजी5 से लगभग 150 किमी दूर है। गुवाहाटी एक व्यापक रेल नेटवर्क द्वारा भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इस रूट पर चलने वाली कुछ ट्रेनें सिक्किम महानंदा एक्सप्रेस, नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस, उदयपुर सिटी-न्यू जलपाईगुड़ी साप्ताहिक एक्सप्रेस और ब्रह्मपुत्र मेल हैं। गुवाहाटी से आप चेरापूंजी तक बस या टैक्सी ले सकते हैं, जिसमें लगभग 4 से 5 घंटे लगेंगे ।

हमें उम्मीद है कि आपको यह ब्लॉग पढ़ने में मज़ा आया होगा और आपको नॉर्थ ईस्ट के उन प्रसिद्ध स्थानों के बारे में और अधिक जानकारी मिली होगी,जहाँ आप ट्रेन से जा सकते हैं। वाकई भारत का उत्तर पूर्वी भाग संस्कृति, प्रकृति और रोमांच का खजाना है, और हर किसी को जीवन में कम से कम एक बार तो इसे देखने ज़रूर जाना चाहिए आपको इस क्षेत्र में कुछ ऐसा मिलेगा जो आपकी पसंद और बजट के मुताबिक होगा ।

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लेकिन इससे पहले कि आप अपनी ट्रिप प्लान करें, बिना भूले Zoopका व्हाट्सएप नंबर +91 70420 62070अपने पास सेव करके रख लें। क्योंकि आपकी ट्रेन यात्रा में आपके लिए जायकेदार या आपके मनपसंद खाने का ख्याल Zoopरखने वाला है। 

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इतनी लंबी दूरी की ट्रेन में यात्रा के दौरान भूख और क्रेविंग्स के लिए आप बेफिक्र होकर Zoop पर भरोसा कर सकते हैं । क्योंकि ट्रेन या स्टेशनों पर मिलने वाले खाने की क्वालिटी और हायजिन पर भरोसा नहीं किया जा सकता । ट्रेन में ज़ूप की फ़ूड डिलीवरी सर्विस अपनाकर आप अपनी ट्रेन यात्रा को यादगार और सुविधाजनक बना सकते हैं।

आपकी यात्रा मंगलमय हो।

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