भारतीय रेलवे, दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है, जो हर रोज़ लाखों लोगों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाती है। इस बड़े सिस्टम की सही ढंग से काम करने और यात्रियों की सुरक्षा देने के लिए, रेलवे ने कुछ तरह के दंड और जुर्माने बनाए हैं। इन नियमों का पालन न करने पर यात्रियों को भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। इस ब्लॉग में हम भारतीय रेलवे के जुर्माना नियमों (Railway Penalty Rules) और यात्रियों के लिए दंडों के बारे में बात करेंगे।
Read in English- Indian Railway Fine Rules & Penalties for Passengers
बिना टिकट के यात्रा करने पर जुर्माना और सजा का नियम (Sec. 138 रेल्वे एक्ट)
भारतीय रेलवे का सबसे आम और सख्त नियम है बिना टिकट यात्रा करना। अगर कोई यात्री बिना वैध टिकट के पकड़ा जाता है, तो उसे यात्रा के अतिरिक्त शुल्क यानी ₹250/- या सामान्य किराए का छह गुना तक जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके अलावा, यात्री को अगले स्टेशन पर ट्रेन से उतार भी दिया जा सकता है। अगर आप जुर्माना भरने से मना करते है तो आपको आरपीएफ को सौंप दिया जाएगा साथ ही रेलवे अधिनियम धारा 137 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। आरपीएफ इन यात्रियों को रजिस्ट्रार के सामने पेश करता है , ऐसे में उन पर 1000 रुपए का जुमार्ना लगता है। जुर्माना न भरने पर 6 महीने की जेल भी हो सकती है।
आरक्षित कोच में बिना आरक्षण यात्रा (Sec. 155 (a) रेल्वे एक्ट )
आरक्षित कोच में बिना आरक्षण के यात्रा करना भी एक गंभीर अपराध है। अगर कोई यात्री बिना आरक्षण के आरक्षित कोच में पाया जाता है, तो उसे सामान्य किराए के अलावा जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। इस स्थिति में, यात्री को अगले स्टेशन पर ट्रेन से उतार भी दिया जा सकता है। मान लीजिए आपने स्लीपर कोच का टिकट लिया है और एसी कोच में आप बैठकर यात्रा करते हैं। इस स्थिति में पकड़े जाने पर उस व्यक्ति को एसी कोच के किराए और स्लीपर कोच के किराए के बीच के अंतर जितना पैसा देना होगा। इसके अलावा अतिरिक्त दंड शुक्ल भी टीटीई द्वारा लगाया जा सकता है।
गलत जानकारी देना (Sec. 137 रेल्वे एक्ट )
अगर कोई यात्री अपने टिकट पर गलत जानकारी देता है, जैसे कि गलत नाम, उम्र या यात्रा का उद्देश्य, तो यह भी एक अपराध माना जाता है। इस स्थिति में यात्री को जुर्माना भरना पड़ सकता है और उसे यात्रा जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे में उन पर 1000 रुपए का जुमार्ना लगता है। जुर्माना न भरने पर 6 महीने की जेल भी हो सकती है।
सफाई और अनुशासन (Sec. 145 (b)Sec. 137 रेल्वे एक्ट )
भारतीय रेलवे यात्रियों से सफाई और अनुशासन बनाए रखने की उम्मीद करती है। अगर कोई यात्री ट्रेन के अंदर या स्टेशन पर गंदगी फैलाता है, तो उसे सफाई नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके अलावा, सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर भी भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। पहली बार उन पर 100 रुपए का जुमार्ना लगता है। अगर दुबारा करते है तो 200 रुपए का जुमार्ना और १ साल की जेल लगता है।
निषिद्ध सामान
रेलवे स्टेशन या ट्रेन में निषिद्ध सामान लाने पर जुर्माना लगाया जा सकता है। इसमें ज्वलनशील पदार्थ, हथियार, विस्फोटक सामग्री आदि शामिल हैं। ऐसी स्थिति में, संबंधित यात्री को जुर्माना भरना पड़ता है और अवैध सामान जब्त किया जा सकता है और रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 164 के तहत दंडनीय अपराध है, जहां अपराधी को रेलवे अधिनियम की धारा 165 के तहत 3 साल तक की जेल या 1,000 रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
टिकट कैंसिलेशन और रिफंड
टिकट कैंसिलेशन के नियम भी सख्त हैं। टिकट कैंसिल करने पर कुछ राशि काट ली जाती है और बाकी राशि वापस कर दी जाती है। मान लीजिए टिकट कंफर्म हो गई और फिर आपको किसी वजह से टिकट कैंसिल करानी पड रही है, तो नियम के अनुसार 60 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से चार्ज कटेगा। वो भी तब जब आप ट्रेन के डिपार्चर समय से 48 घंटे पहले टिकट कैंसिल करते हैं। स्लीपर क्लास की टिकट को कैंसिल किया जाए, तो 120 रुपये के हिसाब से चार्ज कटता है। एसी क्लास के रिजर्वेशन टिकट का अपना रिफंड नियम है। इसके अनुसार, थर्ड एसी कोच के टिकट कैंसिल करने पर 180 रुपए, सेकंड एसी की टिकट कैंसिल करने पर 200 रुपए और वहीं फर्स्ट एसी का टिकट कैंसिल करने पर 240 रुपये चार्ज कटता है।
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गलत कोच में यात्रा
अगर कोई यात्री अपने टिकट के वर्ग से ऊंचे वर्ग में यात्रा करता है, तो उसे सामान्य किराए के अलावा जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। मान लीजिए आपने स्लीपर कोच का टिकट लिया है और एसी कोच में आप बैठकर यात्रा करते हैं। इस स्थिति में पकड़े जाने पर उस व्यक्ति को एसी कोच के किराए और स्लीपर कोच के किराए के बीच के अंतर जितना पैसा देना होगा। इसके अलावा अतिरिक्त दंड शुक्ल भी टीटीई द्वारा लगाया जा सकता है।
अनधिकृत टिकट वितरण
अगर कोई व्यक्ति बिना अधिकार के टिकटों का वितरण करता है, तो उसे कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है। इसके लिए भारी जुर्माना और 6 महीने की जेल भी हो सकती है।
सुरक्षा उपकरणों के साथ छेड़छाड़
ट्रेन के अंदर या स्टेशन पर सुरक्षा उपकरणों के साथ छेड़छाड़ करना एक गंभीर अपराध है। इसमें आपातकालीन ब्रेक, फायर अलार्म, और अन्य सुरक्षा उपकरण शामिल हैं। ऐसी कंडीशन में संबंधित व्यक्ति को भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है और कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है।
खाने के लिए ज़ूप (ZOOP App) को याद करें
इन जुर्माना नियमों और दंडों के बाद, एक और महत्वपूर्ण पहलू है – यात्रा के दौरान खाना,
लंबी यात्रा के दौरान अच्छा और हाइजेनिक खाना मिलना अक्सर मुश्किल हो सकता है। इस समस्या को समझते हुए, Zoop ऐप जैसे समाधान यात्रियों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। Zoop ऐप न केवल यात्रियों को उनके पसंदीदा खाने का मजा देता है, बल्कि उन्हें यात्रा के दौरान सुविधा और आराम भी प्रदान करता है। हायजिन, ढेरों वेरायटी और आसान भुगतान विकल्पों के साथ, Zoop यात्रियों को खाने का बेहतरीन अनुभव देता है। लिहाज़ा आप अपने अगले सफर में Zoop को ज़रूर आजमाएं पर हां हर हाल में यात्रा के दौरान रेलवे के इन नियमों पालन करें।