Exams खत्म और स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां शुरू होने वाली हैं। अब तो बच्चों की मौज ही मौज होगी। बच्चे इन 2 महीनों में वो सब कुछ करना चाहते हैं, जिसकी उन्हें साल भर से ख्वाहिश होती है। बच्चे तो बच्चे हैं, पेरेंट्स चाहें या न चाहें, मगर वो तो अपने मन की करवाके रहेंगे और ये बात भी सच है कि बच्चों को घूमना और ख़ासकर ट्रेन से घूमना सबसे ज्यादा पसंद होता है। याद कीजिए, हम सब भी तो अपनी दादी-नानी, बुआ, चाचा, मामा, मौसी के घर ही अपनी गर्मी की छुटियाँ गुजारते थे और सबसे ज़्यादा रोमांच ट्रेन के सफर का होता था।
तो चलिए इस ब्लॉग में हम आपको वो सारी तरकीबें बतलाते हैं, जिसे अपनाकर यकीनन इस बार आपका प्लान और घूमने का अनुभव पहले से कहीं ज़्यादा बेहतर होगा।
बच्चे बन गए उस्ताद:
ज़माना बदल गया, तमाम फैशन और रीति रिवाज बदल गए, पर घूमने फिरने का सिलसिला आज पहले से भी ज्यादा देखने को मिलता है। और अब घूमने के लिए पहले से ज़्यादा ऑप्शन भी हैं। आज के डिजिटल ज़माने में बच्चे ख़ुद तय करते हैं कि वे कैसे और किस लोकेशन पर अपने समर वेकेशन को ख़ास बनाएंगे। एक तरह से बच्चों ने लोकेशन तय करने के मामले में पेरेंट्स की ज़िम्मेदारी बांट ली है। अब पेरेंट्स की ज़िम्मेदारी ये है कि वे इस बात का ख्याल रखते हुए ट्रिप प्लान करें कि उन्हें या बच्चों को किसी तरह की परेशानी ना हो। ना तो हेल्थ से जुड़ी किसी समस्या का सामना करना पड़े, ना ही एंजॉयमेंट में कोई कमी आए।
और सच कहें तो बात सिर्फ एंजॉयमेंट की नहीं है। बच्चों की मेंटल स्ट्रेंग्थ और डेवलपमेंट के लिए कभी कभी घूमना फिरना जरूरी होता है। ट्रिप के बहाने आपके बच्चे नए स्थानों और संस्कृतियों से रूबरू होते हैं। लिहाज़ा अब आगे इस ब्लॉग पर आप जो भी सलाह पढें, उसे गाँठ बाँध लें।
घूमने निकलने के लिए सबसे पहले जरूरत होती है ट्रिप की सही रूप रेखा तैयार करने की। यानी वेल प्लांड ट्रिप।
तो ये रहीं बच्चों के साथ घूमने के लिए 10 काम की टिप्स:
रेलगाड़ी बन सकती है मजेदार सवारी:
बच्चों के साथ अपनी ट्रिप को किफ़ायती और शानदार बनाने के लिए हो सके तो ट्रेन का विकल्प चुनें। वो क्या है ना, बच्चों को आपके स्टैण्डर्ड या ठाट बाट से कोई लेनादेना नहीं होता। उन्हें तो बस हर पल कुछ नया चाहिए। मज़ेदार खाना पीना और आपका साथ चाहिए। और ये तीनों चीजें मुमकिन हैं ट्रेन जर्नी में, क्योंकि ट्रेन की खिड़की से नए नए नज़ारे, IRCTC के फ़ूड डिलीवरी पार्टनर जूप का टेस्टी मनचाहा खाना और जर्नी में आपका साथ – ये कॉम्बिनेशन कभी ना भूलने वाली मेमरी क्रिएट कर सकता है।
सफर की प्लानिंग थोड़ी एडवांस में शुरू करें:
अब क्योंकि आपके लाडले-लाडली को घूमने का असली मज़ा ट्रेन से आएगा तो ट्रेन की टिकट बुक करने में जल्दी करें। हमारे देश में भले ही हज़ारों ट्रेन दौड़ती हैं, पर बावजूद इसके आखिरी मोमेंट पर कन्फर्म टिकट का मिलना लगभग नामुमकिन है। ऐसे में आप या तो आरएसी में ट्रेवल करके ट्रिप का मजा किरकिरा करने या ज़्यादा पैसे देकर टिकट ख़रीदने को मजबूर हो जाएंगे। लिहाज़ा,अपनी यात्रा की योजना पहले से बनाएं। ट्रेन का समय, टिकट, रुकने की जगह और एक्टिविटी जैसा सबकुछ पहले से तय कर लें।
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जैसा बच्चा वैसा प्लान:
हमेशा बच्चों की उम्र और पसंद को ध्यान में रखते हुए प्लान बनाएं। छोटे बच्चों के लिए पार्क, चिड़ियाघर और म्यूजियम अच्छे विकल्प हो सकते हैं, जबकि बड़े बच्चों के लिए एडवेंचर स्पोर्ट्स, कैंपिंग और साइक्लिंग जैसी गतिविधियाँ रोमांचक हो सकती हैं।
नज़र हटी दुर्घटना घटी:
अच्छी प्लानिंग में बच्चों की सुरक्षा का पॉइंट सबसे अहम होता है। सफर के दौरान हमेशा फर्स्ट ऐड मेडिकल किट, पानी और ज़रूरी दवाएं आदि अपने साथ रखें। बच्चों को ट्रेन के नियमों और सुरक्षा के बारे में ज़रूर समझाएं। बच्चों को हमेशा अपनी नजरों के सामने रखें, खासकर जब ट्रेन चल रही हो।
मनोरंजन का ध्यान रखें:
सफ़र के दौरान बच्चों को व्यस्त रखने के लिए किताबें, खेल के सामान और खिलौने साथ रखें। आप इन्टरनेट से नए नए गेम भी सीख सकते हैं। बच्चों को खिड़की से बाहर देखने और ट्रेन यात्रा का आनंद लेने के लिए प्रोत्साहित करें। आप कहानियां या फिर अपने पुराने अनुभवों को सुना सकते हैं या उनके साथ गेम्स खेल सकते हैं।
भोजन और पानी:
यात्रा के दौरान बच्चों को पौष्टिक और स्वस्थ भोजन खिलाएं। रेहड़ी टपरी या पैकेट बंद चीजों को खिलाने से बचें। बच्चों के लिए या तो घर से बढ़िया खाना लेकर सफ़र करें या फिर केवल ज़ूप से उनकी पसंद का खाना मंगाएं। ज़ूप सफर के दौरान आपके आर्डर पर आपका मनपसंद खाना आपकी सीट पर परोसता है। और हां, बच्चों को पर्याप्त पानी ज़रूर पिलाते रहें क्योंकि अक्सर बच्चे सफ़र में डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाते हैं।
अनदेखी करने और शांत रहने में है भलाई:
अब भाई बच्चे तो बच्चे होते हैं, आप कितना भी समझाएंगे पर वे अपनी जिज्ञासा वश कुछ न कुछ कारनामे तो ऐसे करेंगे ही जिसपर आपको गुस्सा आएगा। पर आप उन्हें डांटकर माहौल बिगाड़ने की बजाए, उनके साथ मस्ती करते हुए उन्हें समझाएं और उन्हें ऐसा महसूस कराएं कि आप भी शरारती हैं। बच्चों के साथ यात्रा करते समय धैर्य रखना बेहद ज़रूरी है।
यादगार पल बनाएं:
यात्रा के दौरान यादगार पल बनाने के लिए तस्वीरें खींचे, वीडियो बनाएं। बच्चों को यात्रा के अनुभव लिखने और ड्राइंग करने के लिए प्रोत्साहित करें। उनके साथ कुछ ऐसी एक्टिविटी करें जो उन्हें बड़े होने पर भी याद रहे जैसे हम सभी को याद है कि कैसे पापा हमें कंधे पर बिठाकर मेला दिखाया करते थे। आप भी ऐसा कुछ ऐसा ज़रूर करें।
लोकल संस्कृति एवं परंपराओं का अनुभव करें:
अपने बच्चों के साथ यात्रा के दौरान स्थानीय संस्कृति व परंपराओं का अनुभव ज़रूर करें। बच्चों को स्थानीय भाषा, भोजन और रीति-रिवाजों के बारे में जानने के लिए प्रोत्साहित करें।
कपड़ों के साथ मौसम और पसंद का तालमेल रहे:
आप जहां जा रहे हों, पहले ही गूगल पर वहां के मौसम का हाल जान लें। अब जैसे कि दिल्ली या मुंबई में जब बेहद गर्मी होती है तब भी ऊटी में ठण्ड रहती है। तो आप अपने शहर के मौसम के हिसाब से नहीं बल्कि जहां जा रहे हैं वहां के मौसम के मुताबिक कपड़े पैक करें और यह भी ध्यान रहे कि कपड़े बच्चों की पसंद के हो। छोटे हों या बड़े, अपनी पसंद के कपड़े पहनने से आत्मिवश्वास बढ़ता है और व्यवहार में सकारात्मकता बनी रहती है।
याद रखें: बच्चों के साथ ट्रेन से घूमने का अनुभव रोमांचक और यादगार हो सकता है। थोड़ी एडवांस प्लानिंग और सही तैयारी के साथ आप बच्चों के साथ एक मजेदार और यादगार सफर का आनंद ले सकते हैं।
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