माँ वैष्णो देवी से जुड़ी ख़ास बातें
हिन्दू धर्म को मानने वाला हर व्यक्ति अपने जीवन में कम से कम एक बार माँ वैष्णो के दरबार में हाजिरी ज़रूर लगाना चाहता है। माता रानी के प्रति लोगों में गहरी आस्था है। लगभग 16 किलोमीटर ऊँची पहाड़ी पर स्थित होने के बावजूद मां के चरणों में सर झुकाने वालों की संख्या कभी कम नहीं होती। ऐसी मान्यता है कि मां अपने भक्तों की सभी मुरादें पूरी करती हैं। अपने दरबार में आने वालों को माँ कभी निराश नहीं करतीं। आज का हमारा ये ब्लॉग उन सभी माँ के भक्तों के लिए हैं जो माता रानी के बारे में जानना चाहते हैं और उनके दर्शन की तैयारी कर रहे हैं।
माँ वैष्णो देवी को हिन्दू धर्म में देवी दुर्गा का एक रूप माना जाता है। माँ वैष्णो देवी को हिन्दू धर्म में एक शक्तिशाली देवी के रूप में पूजा जाता है। वह भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली मानी जाती हैं। इनका मंदिर भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में त्रिकुटा पर्वत पर स्थित है। यह मंदिर भारत के सबसे लोकप्रिय तीर्थस्थलों में से एक है। माँ वैष्णो देवी का मंदिर एक प्राकृतिक गुफा में स्थित है। इस गुफा में देवी की तीन पिंडियाँ हैं, जो महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती का प्रतीक हैं। तीर्थयात्री मंदिर तक पहुंचने के लिए इस ऊँची पहाड़ी पर चलते हैं। यह यात्रा भक्ति और आस्था का एक प्रतीक है।
माँ वैष्णो देवी के दरबार से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें:
- माँ वैष्णो देवी का मंदिर भारत का सबसे ऊंचा मंदिर है। यह 5,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
- मंदिर तक पहुंचने के लिए कटरा से 14 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। यह यात्रा पैदल, घोड़े या पालकी से की जा सकती है।
- कठिन रस्ते के बावजूद हर साल लाखों तीर्थयात्री यहाँ आते हैं।
माँ वैष्णो देवी का इतिहास एवं पौराणिक कथाएं:
माँ वैष्णो देवी के इतिहास के बारे में कई पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार, त्रेता युग में, देवी ने मानव जाति के कल्याण के लिए एक सुंदर राजकुमारी के रूप में अवतार लिया था। उन्होंने त्रिकुटा पर्वत पर तपस्या की और भगवान शिव को प्रसन्न किया। भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया कि वे हमेशा इस स्थान पर अपने भक्तों को दर्शन देंगी।
दूसरी कथा के अनुसार, देवी ने भैरवनाथ नाम के एक राक्षस का वध किया था। भैरवनाथ ने देवी को चुनौती दी थी कि वह त्रिकुटा पर्वत को पार करने में सक्षम नहीं होंगी। देवी ने भैरवनाथ को पराजित किया और उसे भवन नामक एक गुफा में कैद कर दिया।
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माँ वैष्णों के दरबार में जाने के लिए सबसे बढ़िया सीज़न
माँ वैष्णो देवी के दरबार में जाने के लिए सबसे अच्छा सीज़न मई से जून का होता है। इस समय मौसम सुहाना रहता है और तापमान 15 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। बारिश भी कम होती है। इस दौरान मंदिर तक जाने वाले मार्ग पर भी भीड़ कम होती है। नवरात्रि के समय में भी माँ वैष्णो देवी के दरबार में जाने का एक अच्छा समय होता है। पर इस दौरान मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं और भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
इसके अलवा, अक्टूबर से दिसंबर का समय भी माँ वैष्णो देवी के दरबार में जाने के लिए अच्छा होता है। इस समय मौसम ठंडा होता है और तापमान 5 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। मार्च से अप्रैल के दौरान मौसम गर्म और शुष्क होता है। इस समय तापमान 30 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। इस दौरान मंदिर तक जाने वाले मार्ग पर भीड़ भी अधिक होती है।
इस दौरान माँ वैष्णों के दर्शन को जाने से बचें :
जुलाई से सितंबर तक का समय बारिश का मौसम होता है। इस दौरान मंदिर तक जाने वाले मार्ग पर भारी बारिश के कारण भूस्खलन का खतरा बना रहता है। लिहाज़ा इस मौसम में यात्रा करना सुरक्षित नहीं होता है। धार्मिक लिहाज़ से तो नवरात्रि में हर कोई देवी के दरबार पहुँचना चाहता है पर भीड़ ज़्यादा होने के कारण इस दौरान मंदिर यात्रा करना कठिन है तो परहेज करने में ही भलाई है। इस दौरान मंदिर तक जाने वाले मार्ग पर भीड़ अधिक होती है और यात्रा करना मुश्किल हो सकता है।
रेल सेवा है यात्रा के लिए सबसे बेस्ट
लोगों में माता रानी के प्रति मौजूद आस्था और विश्वास की सबसे बड़ी गवाह बनती है भारतीय रेल। क्योंकि रोड और हवाई मार्ग होने के बावजूद सर्वाधिक भक्त माँ वैष्णो देवी के दर्शन के लिए रेल का विकल्प ही चुनते हैं। और ऐसा करें भी क्यों न, यह मार्ग सबसे ज़्यादा आरामदायक, किफ़ायती, तेज़ और सुविधाजनक जो है।
अगर आप दिल्ली से माता रानी के दरबार जाना चाहते हैं तो इस जानकारी को अपने पास नोट करके रख लें।
दिल्ली से वैष्णो देवी जाने के लिए कई ट्रेनें चलती हैं। ये इन ट्रेनों में से कुछ सबसे लोकप्रिय ट्रेन्स की लिस्ट:
- वंदे भारत एक्सप्रेस (22439): यह ट्रेन नई दिल्ली से सुबह 6:00 बजे रवाना होती है और दोपहर 2:00 बजे कटरा पहुंचती है। 655 किलोमीटर की दूरी यह ट्रेन 8 घंटे में तय करती है।
- श्री शक्ति एक्सप्रेस (22461): यह ट्रेन नई दिल्ली से सुबह 4:30 बजे रवाना होती है और शाम 10:30 बजे कटरा पहुंचती है। इस ट्रेन से एक साथ 655 किलोमीटर की दूरी 16 घंटे में पूरी कर सकते हैं।
- उत्तर संपर्क क्रांति (22462): यह ट्रेन नई दिल्ली से सुबह 9:00 बजे रवाना होती है और शाम 5:00 बजे कटरा पहुंचती है। यह ट्रेन 655 किलोमीटर की दूरी 12 घंटे में तय करती है।
इन ट्रेनों के अलावा, दिल्ली से वैष्णो देवी जाने के लिए कई अन्य ट्रेनें भी चलती हैं। आप अपनी सुविधानुसार किसी भी ट्रेन का चुनाव कर सकते हैं।
दिल्ली से वैष्णो देवी जाने के लिए ट्रेन यात्रा की कुछ महत्वपूर्ण बातें निम्नलिखित हैं:
- यदि आप नवरात्रि के दौरान यात्रा कर रहे हैं, तो ट्रेनों में भारी भीड़ होने की संभावना है। इसलिए, टिकट जल्द से जल्द बुक कर लें।
- ट्रेन में पर्याप्त पानी और भोजन साथ रखें।
- आरामदायक जूते पहनें।
- अपने साथ आवश्यक दवाइयाँ रखें।
जो लोग माता रानी की शरण में दर्शन के लिए जाना चाहते हैं उनके लिए Zoop डिलीवरी सर्विस बहुत ही किफायती और शानदार सर्विस प्रोवाइड करता है। इस सर्विस का लाभ उठाने के लिए आपको कोई डिलीवरी चार्जेज़ भी नहीं देने पड़ते और खाना सफर के दौरान आपकी सीट तक पहुंच जाता है।
दिल्ली से वैष्णो देवी जाने के लिए ट्रेन टिकट ऑनलाइन या रेलवे स्टेशन से खरीद सकते हैं। ऑनलाइन टिकट बुक करने के लिए, आप IRCTC की वेबसाइट या ऐप का उपयोग कर सकते हैं। रेलवे स्टेशन से टिकट बुक करने के लिए, आपको रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर पर जाना होगा।